आज के इस युग में विज्ञान ने इतनी तकनीकियाॅं विकसित कर दीं हैं, जिससे असम्भव कार्य भी सम्भव हो गये हैं । जिस भी क्षेत्र में देखो विज्ञान ने अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है , चाहें कृषि क्षेत्र में देख लीजिए चाहें चिकित्सा क्षेत्र में, कहने का आशय है कि यह जो युग है, एक वैज्ञानिक युग है । एवं विज्ञान निरन्तर उपलब्धियाॅं हासिल करते जा रहा है । उन सभी उपलब्धियों में सेरोगेसी पद्धति को एक बड़ी उपलब्धि माना जा सकता है । जिसमें बाॅंझपन वाले दम्पतियों को अपनी सन्तान प्राप्ति का सुख सम्भव हो गया है । जिन स्त्रियों का गर्भाशय अल्प विकसित होता है, अथवा उनके अण्डाशयों में अण्डा (Ova) नहीं बनता है, तो उनके लिए यह जैव तकनीक किसी वरदान से कम नहीं है । सेरोगेसी पद्धति को हम निम्न प्रकार से समझ सकते हैं - अगर कोई स्त्री गर्भधारण में समर्थ नहीं है तो इन विट्रो फर्टिलाइजेशन और एम्ब्रियो ट्रांसफर टैकनिक ( In Vitro Fertilisation And Embryo Transfer Technique ) द्वारा किसी दूसरी स्त्री के गर्भाशय में अण्डे ( Ova ) को निक्षेपित कर देते हैं, जहाॅं भ्रूण ( Embryo ) का वर्धन पूरा होता है । ऐसी स्त