पिय मिलन श्रृंगार दर्पन , नदी की चंचलता धारा शाश्वत, सुष्मित हृदय जीवन शाश्वत, कंठ का स्वर पक्षी का कलरव, सूर्य किरण उजला मन, नौका विहार जल तरंग, दीपक की लौ प्रकाशित मन, सत्कर्म जीवन धर्म, सुगंध हारसिंगार का पुष्प । - आनन्द कुमार Humbles.in
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| परिचय | मैं पेशे से एक साइंस अध्यापक हूॅं, मुझे बायोलॉजी और केमिस्ट्री पढ़ाना अच्छा लगता है, एवं मुझे साहित्य पठन और लेखन में विशेष रुचि है । हमारे ब्लाॅग "हम्बल्स" पर आपका हार्दिक स्वागत है ...🪷🪷 मैं मुख्यत: कविता, कहानी , लेख इत्यादि विधाओं पर लिखता हूॅं, जिसके माध्यम से जीवन की निरंतरता, मौलिकता ,अपने विचारों और अपनी भावनाओं को व्यक्त करने का प्रयास करता हूॅं । मैं सदैव प्रयास करता हूॅं, कि मैं जो कुछ भी लिखूॅं अच्छा लिखूॅं , मेरे लेखन से किसी की भी भावनायें आहत न हों ... आप सभी गुणीजनों से अनुरोध है, कि आप हमारा मार्गदर्शन करते रहें एवं उत्साह बढ़ाते रहें । आपके सुझाव सदैव आमन्त्रित हैं । "ख्वाब तो आते हैं लेकिन हकीकत में कुछ नहीं , डरता हूॅं पलकों को खोलने से उड़ न जायें कहीं ये जलवाष्प बनकर..." Interests : Reading And Writing Articles, Poems, Stories, Essays, Educational Activities, Playing Cricket, Worship Of God etc. Education - M.Sc. [Zoology] B.Ed. Profession - Science Teacher. |
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| रुचि | हिंदी कविता, मुक्तक, हिन्दी कोट्स, कहानी लेखन, अध्यापन |
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