"हम भारतवासी - हम भारतवासी”
“न कोई हिन्दू, न कोई मुस्लिम” न कोई धर्म-राशी
“हम भारतवासी-हम भारतवासी" ।
हम तो हैं, भारत की सन्तानें जाति-पाँति हम क्या जानें,
साथ रहेंगे-साथ चलेंगे अपने पथ पर अडिग रहेंगे,
हम तो अपने देश के पंछी हैं, स्वदेश का जयगान करेंगे
हम-सब स्वराष्ट्र-भाषी,
“हम भारतवासी-हम भारतवासी" ।
कर्तव्य के मूल पथ को, हमें खोना न पड़े
इन सजल आँखों का सपना हमें तोड़ना न पड़े,
बिन माँगे ही मिल जाये, साथ आपका,
हमें इस पथ पर, अकेले ही, जाना न पड़े ।
कर्तव्य के लिए हम, एक पथ पर चलेंगे
चाहें लगा देनी पड़े अपने प्राणों की बाजी,
नहीं करा सकते, हम अपनी जग में हँसी
“हम भारतवासी-हम भारतवासी” ।
मेरा वतन मेरी जाँ, मिट जाऊँ अपने वतन पे
चाहें सौ जन्म भी लेनें पड़ें, इस भू पर मिटने के लिए,
पीछे नहीं हटेंगे, हरगिज नहीं डरेंगे,
चाहें मृत्यु भी सामने खड़ी हो, हमे लेने के लिए
सर्वत्र बिखेरेंगे चन्द्रकित किरणें, जैसे गगन में शशी
“हम भारतवासी-हम भारतवासी" ।।
- आनन्द कुमार
Humbles.in
("बज्म़-ए-हिन्द" नामक साझा 'काव्य संग्रह'
में प्रकाशित )"हिन्दी दैनिक वर्तमान अंकुर" नोएडा
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें