पिय मिलन श्रृंगार दर्पन , नदी की चंचलता धारा शाश्वत, सुष्मित हृदय जीवन शाश्वत, कंठ का स्वर पक्षी का कलरव, सूर्य किरण उजला मन, नौका विहार जल तरंग, दीपक की लौ प्रकाशित मन, सत्कर्म जीवन धर्म, सुगंध हारसिंगार का पुष्प । - आनन्द कुमार Humbles.in
आओ पर्यावरण बचायें
बीजों को रोपें
अधिकाधिक वृक्ष लगायें
देश को प्रदूषण मुक्त बनायें । 1
जीवन कठिन होता जा रहा
बड़े शहरों में लोगों का दम घुट रहा
स्वच्छ वायु न उनको मिल रही
जिंदगियाँ मौत से लड़ रहीं । 2
विश्व ग्लोबल वार्मिंग की चपेट में आ रहा
ओजोन का स्तर गिरता जा रहा
गर अब भी न सुधरे हम
आने वाली जेनरेशन की दुर्गति
कर जायेंगे हम । 3
आओ हम सब मिलकर
देश प्रदूषण मुक्त बनायें
स्वच्छ पर्यावरण के खातिर
नित इको दिवस मनायें ।। 4
- आनन्द कुमार
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