बया पक्षी एक सुन्दर एवं मेहनती पक्षी है, अपना घर ये ऐसे बनाते हैं जिसमें कि बड़े-बड़े इंजीनियर फैल हो जाएं और इस तकनीक का इस्तेमाल करके आशियाने न बना पाएं ।
इस प्रजाति में घोंसला नर पक्षी के द्वारा बुना जाता है और मादा बया पक्षी इसका निरीक्षण कर इसे पसंद करती है यदि यह घोंसला उसे पसंद नहीं आता है तो नर पक्षी के द्वारा फिर से नए घोंसले का निर्माण किया जाता है ।
यह एक छोटी सी चिड़िया होती है। ये घास के तने और अन्य पौधों के रेशों का उपयोग करके अपने घोंसले के निर्माण की तकनीक के लिए जाने जाते हैं।
बया गौरैया की तरह के पक्षियों की एक प्रजाति है जो गौरैया की तरह मनुष्य के घरों में न रहकर पेंड़ की टहनियों में लटकता हुआ सुन्दर घोंसला बनाकर रहती हैं ।
यह समूह में रहना पसन्द करती है क्योंकि इसकी वजह से इसके बच्चों को परभक्षियों से सुरक्षा प्रदान होती है ।
एक ही पेड़ पर आपको सैकड़ों घोंसले बने हुए मिल जायेंगे और इनमें से अधिकांश घोंसलों का निर्माण किसी एक बया नर पक्षी द्वारा ही किया हुआ होता है, क्योंकि मादा पक्षी नरों द्वारा बुने गये घोंसले ही पसंद करती हैं अपने अण्डे सेने के लिए , और हां यदि घोंसला पसंद न आया तो बेचारा नर पक्षी दोबारा किसी और डाली पर घोंसला बनाता है ।
नर बुनकर पक्षी सुंदर बुने हुए घोंसले बनाते हैं। मादा पक्षी सभी घोंसलों को देखती है और जो उसे सबसे अच्छा लगता है उसे चुनती है और निर्णय लेती है कि उसे अण्डे किसमें देने हैं ।
यह बुनकर पक्षी भारतीय उपमहाद्वीप और दक्षिण पूर्व एशिया में पाया जाता है। इन पक्षियों के झुंड घास के मैदानों, खेती वाले क्षेत्रों, ऊॅंची झाड़ियों और खजूर के वृक्षों पर पाए जाते हैं । और वे पत्तियों और रेशों से बुने हुए अपनें सुन्दर और कीमियागिरी घोंसलों के लिए जाने जाते हैं ।
- आनन्द कुमार
Humbles.in
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